बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?

बिलवासी जी ने रुपयों का इंतजाम दो तरीकों से किया था-

(क) बिलवासी जी ने अपनी पत्नी के संदूक से रुपये चोरी किये थे जो बिल्कुल सही तरीका नहीं था, क्योकि चोरी करना गलत बात है और अगर उनकी पत्नी जाग जाती तो दोनों के बीच परेशानी आ खड़ी होती।


(ख) रुपयों के प्रबंध के लिए बिलवासी जी ने दूसरा तरीका जो अपनाया उसे भी सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने एक अनजान अंग्रेज को बेवकूफ़ बनाकर पैसों का बंदोबस्त तो कर लिया, लेकिन इससे दूसरा इंसान ठगा गया। अपने काम के लिए किसी दूसरे को ठगना भी कोई सही तरीका नहीं है। आप ‘अतिथिदेवोभव’ के बारे में सुना और पढ़ा होगा। भारत में इस सिंद्धात को माना जाता है। ऐसे में बिलवासीजी द्वारा की गई यह हरकत भारतीयों की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न खड़ा करने के लिए काफी है।


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